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तीर्थ यात्रा करने का सही तरीका

  • Writer: R. P. Yadav
    R. P. Yadav
  • Feb 20, 2018
  • 1 min read

हम इसे तीर्थ यात्रा क्यों कहते हैं? इसे एक पर्यटन या ट्रेकिंग क्यों नहीं कहते? अगर आप एक टूरिस्ट हैं तो आप बस पहाड़ों व उसके रास्तों को थोड़ा घिस देंगे।

अगर ऐसा करना बहुत मुश्किल है तो कम से कम इतनी कोशिश कीजिए कि आप अपने आप को जो भी समझते हैं, उससे थोड़ा कम करने की कोशिश कीजिए। अगर आप एक तीर्थयात्री हैं तो आप इस बाहरी यात्रा का इस्तेमाल अपनी भीतरी यात्रा के लिए कर सकते हैं। क्या आप पहाड़ी रास्तों को अपने भीतर संजोना चाहते हैं या फिर कुछ और अपने भीतर उतारना चाहते हैं? यह फैसला आपको लेना होगा। एक तीर्थ यात्रा का मतलब खुद को कम करना है। अगर आप खुद को ‘कुछ भी नहीं’ कर देने में सक्षम हैं तो आप इस दुनिया में जीवन के एक अंश के रूप में रह सकते हैं और सिर्फ सांसें लेते रहेंगे। अगर ऐसा करना बहुत मुश्किल है तो कम से कम इतनी कोशिश कीजिए कि आप अपने आप को जो भी समझते हैं, उससे थोड़ा कम करने की कोशिश कीजिए। एक तीर्थयात्री होने का यही तरीका है।

 
 
 

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