top of page

ABOUT  US

            मैं एक ऐसा जीव हूँ जो कि अपने मंजिल की तलाश में न जाने कितने जन्मों से भटक रहा हूँ और इस माया के थपेड़े खा रहा हूँ लेकिन अब मुझे ऐसा लग रहा है कि इस बार मेरे मालिक की विशेष कृपा मुझ पर हुयी है जिस कारण मैं अपने मंजिल के बहुत ही निकट हूँ |

 

          अब तो ईश्वर से यही प्रार्थना है कि वे अपनी कृपा ऐसे ही हम पर रखें तथा इस संसार के हर जीव पर ऐसी कृपा करें जिससे उन्हें भी अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए सद्बुद्धि तथा सामर्थ्य प्राप्त हो सके |

 

 

 

अंत मे मेरी यही प्रार्थना है कि………..

 

है ईश्वर सब सुखी हों, कोई न हो दुखारी ।

सब हो निरोग भगवान, धन धान्य के भंडारी ।।

 

सुखी बसे संसार सब, दुखिया रहे न कोई ।

यह अभिलाषा हम सब की, भगवान पूरी होइ ।।

 

विद्या, बुद्धि, तेज, बल, सब के भीतर होय ।

दूध, पूत, धन-धान्य से, वंचित रह न कोई ।।

 

आपकी भक्ति प्रेम से, मन होवे भरपूर ।

राग दोष से चित्त मेरा, कोसों भागे दूर ।।

 

मिले भरोसा आपका, हमें सदा जगदीश ।

आशा तेरे नाम की, बनी रहे मम ईश ।।

 

पाप से हमें बचाइये, करके दया दयाल ।

अपना भक्त बनाइके, हमको करो निहाल ।।

 

दिल में दया उदारता, मन में प्रेम अपार ।

हृदय में धीरज, दीनता, है मेरे करतार ।।

 

हाथ जोड़ विनती करूं, सुनिए कृपा निधान ।

साधु संगत सुख दीजिये, दया धर्म का दान ।।

                                                    राम फेर यादव

bottom of page