top of page

मुझे दे दर्शन गिरधारी
मुझे दे दर्शन गिरधारी रे,
तेरी सँवारी सुरतिया पे वारी रे
तेरी सँवारी सुरतिया पे वारी रे
जमुना तट हरि धेनु चारवें,
मधुर मधुर ध्वनि वेणु बजावें,
तेरे कांधे कंवरिया है कारी रे,
मुझे दे दर्शन गिरधारी रे,
तेरी सँवारी सुरतिया पे वारी रे
मोर मुकुट पीताम्बर सोहे,
देख रूप मेरा मन मोहे,
तेरे कुंडल की छवि प्यारी रे,
मुझे दे दर्शन गिरधारी रे,
तेरी सँवारी सुरतिया पे वारी रे
वृंदावन में रास रचावे,
गोप गोपिका संग मिल गावे,
ओ तेरी नुपुर की धुन प्यारी रे,
मुझे दे दर्शन गिरधारी रे,
तेरी सँवारी सुरतिया पे वारी रे
भक्त हेतु हरि रूप बनाया,
ब्रम्हानंद मेरे मन भाया,
ओ तेरे चरण कमल बलिहारी रे,
मुझे दे दर्शन गिरधारी रे,
तेरी सँवारी सुरतिया पे वारी रे
bottom of page