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तीर्थ यात्रा एक लत की तरह है

  • Writer: R. P. Yadav
    R. P. Yadav
  • Feb 20, 2018
  • 1 min read

जो लोग मेरे साथ तीर्थ यात्रा पर जा रहे हैं, उनमें से बहुत से लोगों ने कभी सपने में भी किसी तीर्थ यात्रा पर जाने के बारे में नहीं सोचा होगा। यहां तक कि मैंने भी कभी नहीं सोचा था कि मुझे कभी तीर्थ यात्रा पर जाने की जरुरत होगी। लेकिन मैं यात्रा पर जा रहा हूं। हर बार मैं जब यात्रा से लौटता हूं तो मैं सोचता हूं, ‘बस अब बहुत हुआ, अब और पहाड़ों की यात्रा नहीं होगी।’ लेकिन दो महीने बीतते-बीतते हम फिर अगली यात्रा की योजना बनाने में जुट जाते हैं। मैं कई शक्तिशाली व ऊर्जा वाली जगहों पर गया हूं। कई असाधारण प्राणियों से मिला हूं, ऐसी जगहों पर गया हूं, जो ऊर्जा से स्पंदित होती हैं। लेकिन मुझे अभी तक एक भी ऐसी जगह नहीं मिली, जो तीर्थ यात्रा की तरह स्पंदित होती है और यही वजह है जो मुझे बार-बार यहां खींचती है। एक तरह से तीर्थ यात्रा एक लत है।

 
 
 

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