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ध्यान किसे कहते हैं?

  • Writer: R. P. Yadav
    R. P. Yadav
  • Feb 21, 2018
  • 1 min read

ध्यानं निर्विषयं मन:।’ अर्थात् मन संकल्प-विकल्प-हीन हो जाए, किसी प्रकार की भावना उठने न पावे। किसी प्रकार की भावना नहीं उठने से चित्त की वृत्ति कर निरोध हो जाता है। चित्त-वृत्ति के निरोध को ही योग कहते हैं। आशय यह है कि ध्यान में योग निहित है।

 
 
 

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